Metabolic Pathway, Digestion and Absorption, Carbohydrates, Lipids, Proteins, Vitamins, Fibres, Minerals

 

चयापचय मार्ग (Metabolic Pathway), पाचन और अवशोषण (Digestion and Absorption), कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates), लिपिड (Lipids), प्रोटीन (Proteins), विटामिन (Vitamins), फाइबर (Fibres) और खनिज (Minerals)

परिचय

पोषण विज्ञान में, शरीर की जैव रासायनिक प्रक्रियाएँ अत्यधिक जटिल होती हैं, जो ऊर्जा उत्पादन, कोशिकीय पुनर्निर्माण और चयापचय संतुलन में योगदान देती हैं। विभिन्न पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और खनिज शरीर के कार्यों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन पोषक तत्वों के पाचन, अवशोषण और उपयोग को समझने के लिए हमें चयापचय मार्गों की गहरी जानकारी होनी चाहिए।



चयापचय मार्ग (Metabolic Pathway)

चयापचय (Metabolism) एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें पोषक तत्वों का अपघटन और संश्लेषण शामिल होता है। इसे दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

  1. अपचय (Catabolism): यह ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया है जिसमें जटिल अणु सरल रूपों में टूटते हैं। उदाहरण के लिए, ग्लूकोलाइसिस और बीटा-ऑक्सीकरण।

  2. अनाबोलिज्म (Anabolism): यह जैवसंश्लेषण प्रक्रिया है, जहाँ सरल अणुओं से जटिल जैविक संरचनाएँ निर्मित होती हैं, जैसे प्रोटीन संश्लेषण।


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प्रमुख चयापचय मार्ग

  1. ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis): यह कोशिका द्रव्य में घटित होने वाली प्रक्रिया है, जिसमें एक ग्लूकोज अणु टूटकर पाइरूवेट और ATP उत्पन्न करता है।

  2. क्रेब्स चक्र (Krebs Cycle): यह माइटोकॉन्ड्रिया में संपन्न होने वाली एक ऑक्सीडेटिव प्रक्रिया है, जो NADH और FADH2 जैसे उच्च-ऊर्जा इलेक्ट्रॉन वाहक उत्पन्न करता है।

  3. इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट चैन (Electron Transport Chain): यह ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन का अंतिम चरण है, जिसमें ATP का अधिकतम उत्पादन होता है।

  4. बीटा-ऑक्सीकरण (Beta-Oxidation): यह फैटी एसिड्स के अपचय का एक प्रमुख मार्ग है, जो ऊर्जा के रूप में ATP प्रदान करता है।

हार्मोन भी चयापचय मार्गों को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं:

  • इंसुलिन: ग्लूकोज अवशोषण और ग्लाइकोजन संश्लेषण को प्रोत्साहित करता है।

  • ग्लूकागन: ग्लाइकोजन अपघटन और ग्लूकोनियोजेनेसिस को उत्तेजित करता है।

  • थायरोक्सिन: शरीर की ऊर्जा खपत को नियंत्रित करता है।


पाचन और अवशोषण (Digestion and Absorption)

भोजन का पाचन एक जटिल जैवरासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें एंजाइम और हार्मोन विभिन्न पोषक तत्वों को उनके अवशोषण योग्य रूपों में परिवर्तित करते हैं।

  1. मुख में पाचन: लार में उपस्थित ऐमाइलेज एंजाइम स्टार्च को माल्टोज में परिवर्तित करता है।

  2. पेट में पाचन: गैस्ट्रिक जूस में उपस्थित पेप्सिन प्रोटीन को पेप्टाइड्स में तोड़ता है।

  3. छोटी आंत में पाचन: यहाँ ट्रिप्सिन, लाइपेज और डिसैकराइडेज़ एंजाइम्स द्वारा वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अंतिम अपघटन होता है।

  4. अवशोषण: छोटी आंत के विल्ली और माइक्रोविल्ली पोषक तत्वों को रक्त प्रवाह में स्थानांतरित करते हैं।


कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates)

कार्बोहाइड्रेट्स शरीर के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत हैं। ये तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित होते हैं:

  1. मोनोसेकेराइड्स (Monosaccharides): ग्लूकोज, फ्रक्टोज, गैलेक्टोज।

  2. डाइसेकेराइड्स (Disaccharides): सुक्रोज, लैक्टोज, माल्टोज।

  3. पॉलीसेकेराइड्स (Polysaccharides): स्टार्च, सेलुलोज, ग्लाइकोजन।

भूमिका:

  • तत्काल ऊर्जा स्रोत।

  • मस्तिष्क और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए अनिवार्य ईंधन।


लिपिड (Lipids)

लिपिड ऊर्जा भंडारण, कोशिका झिल्ली संरचना और हार्मोन संश्लेषण में सहायक होते हैं।

  1. संतृप्त वसा (Saturated Fats): घी, मक्खन।

  2. असंतृप्त वसा (Unsaturated Fats): जैतून का तेल, मछली का तेल।

  3. ट्रांस फैट (Trans Fats): प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।

भूमिका:

  • ऊर्जा का भंडारण।

  • कोशिका झिल्ली निर्माण।

  • हार्मोन उत्पादन।


प्रोटीन (Proteins)

प्रोटीन शरीर के संरचनात्मक और कार्यात्मक घटक होते हैं।

भूमिका:

  • एंजाइम और हार्मोन संश्लेषण।

  • ऊतक निर्माण और पुनःस्थापना।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाना।

स्रोत:

  • मांस, अंडे, दालें, सोया।


विटामिन (Vitamins)

विटामिन जैव रासायनिक प्रक्रियाओं को विनियमित करने में सहायक होते हैं।

  1. वसा-घुलनशील विटामिन: A, D, E, K।

  2. जल-घुलनशील विटामिन: B-कॉम्प्लेक्स, C।

भूमिका:

  • कोशिकीय चयापचय में सहायता।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना।

  • तंत्रिका तंत्र का उचित कार्य।


फाइबर (Fibres) और खनिज (Minerals)

फाइबर और खनिज शरीर में पाचन, हड्डी निर्माण और तंत्रिका संचार को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

  1. आहारीय फाइबर: घुलनशील और अघुलनशील फाइबर।

  2. प्रमुख खनिज: कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक।

भूमिका:

  • हड्डी स्वास्थ्य।

  • रक्तचाप संतुलन।

  • पाचन क्रिया में सहायता।


निष्कर्ष

पोषक तत्वों का संतुलित सेवन और उनके चयापचय मार्गों की समझ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अनिवार्य है। उचित आहार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन पोषक तत्वों का सेवन करना चयापचय संबंधी विकारों से बचाव में सहायक हो सकता है।


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